अंततोगत्वा आज Olympics का समापन समारोह हो ही गया। Jaaniye Tokyo Olympics mein India ke medal winners ke baare mein
Tokyo Olympic भारत के लिए बेहद खास रहा क्योंकि इसमें भारत ने कुल 7 पदक अपने नाम किए जिसमें 1 गोल्ड, दो सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। Tokyo Olympic के क्लोजिंग सेरेमनी में इंडियन फ्लैग के साथ भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पूनिया ने मार्च किया। वहीं, Tokyo Olympic शनिवार को जैवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
Tokyo Olympics India Medal Winners: दिग्गज खिलाड़ियों के बाहर होने बाद भी भारत का शानदार प्रदर्शन
Tokyo Olympic के शुरू होने से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि खेल के इस महाकुंभ में भारत बेहतर प्रदर्शन करेगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही। मेरीकॉम और अमित पंघाल जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बाहर होने के बावजूद भी भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपनी छाप छोड़ कर रख दी।
ओलंपिक का इतिहास
ओलंपिक के इतिहास में भारत अब तक कुल 35 पदक जीत चुका है जिसमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा 8 स्वर्ण पदक भारत ने हॉकी के खेल के जीते हैं। भारत के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में दो गोल्ड हैं, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग और इस साल नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में जीता है।
आइए, Tokyo Olympics के समाप्त होने पर अंत में एक बार उन यादों को ताजा कर लेते हैं जिनकी बातें इतिहास में अक्सर होंगी।
मीराबाई चानू
Tokyo Olympic में भारत को पहला पदक मीराबाई चानू ने दिलाया जिन्होंने देश के लिए रजत पदक जीता। अपने पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 किग्रा उठाने में कामयाब रहीं। उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल करते हुए रजत पदक हासिल किया।
पीवी सिंधु
भारत के लिए दूसरा पदक पीवी सिंधु ने जीता उन्होंने बैडमिंटन के खेल में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया। इसी के साथ ओलंपिक के खेल में लगातार दो बार पदक जीतने वाली पीवी सिंधु दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। इससे पहले यह कारनामा पहलवान सुशील कुमार ने किया था। कुश्ती में उन्होंने लगातार दो पदक जीता था। फिलहाल, सुशील कुमार हत्या के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
Indian Men हॉकी Team
Tokyo Olympic में पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर 41 साल के सूखे को खत्म किया। भारतीय हॉकी टीम ने आखिरी बार 1980 में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, Tokyo Olympics में भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया और पहली बार यह टीम चौथे स्थान पर रही।
लवलीना बोरगोहेन
ओलिंपिक में पहली बार हिस्सा लेने वाली लवलीना बोरगोहेन को 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में हार मिली थी जिसके बाद उन्होंने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया। अगर लवलीना सेमीफाइनल का मैच जीत जाती तो पहली बार ऐसा होता कि कोई भारतीय बॉक्सर ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक की दावेदारी पेश करता।
रवि दहिया और बजरंग पुनिया
Tokyo Olympics में भारत का कुश्ती में बोलबाला रहा। भारत की तरफ से रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीता तो वहीं,बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। इसके साथ ही दीपक पुनिया ने भी अच्छा खेला दिखाया लेकिन वो कोई पदक नहीं जीत पाए।
नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा जिनकी जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। शायद ही किसी ने उम्मीद की होगी कि जैवलिन थ्रो में कोई खिलाड़ी गोल्ड मेडल जीत लेगा। नीरज चोपड़ा ने ऐसा कर दिखाया। ओलंपिक के खेल जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। बता दें कि ट्रैक एंड फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा पहले भारतीय भी हैं।
भारत के लिए Tokyo Olympics रहा शानदार
Tokyo Olympic में 7 पदक जीतना भारत के लिए बेहद शानदार रहा क्योंकि इससे पहले भारत के लिए लंदन ओलंपिक 2012 बेहद सफल रहा था जिसमें भारत ने कुल 6 पदक अपने नाम किए थे। वहीं, साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण और दो कांस्य समेत तीन पदक जीते थे। Tokyo Olympic में 7 पदक जीतकर भारत ने लंदन ओलंपिक को पीछे छोड़ दिया है।