Rahul Dravid Biography In Hindi: जानिए टीम इंडिया के दीवार Dravid के बारे में जो हमेंशा बने हैं टीम के संकट मोचन

Rahul Dravid Biography In Hindi: जानिए टीम इंडिया के दीवार Dravid के बारे में जो हमेंशा बने हैं टीम के संकट मोचन

भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक Rahul Dravid इन दिनों काफी चर्चा में हैं, jaaniye unki biography in Hindi

चर्चा की वजह है उनका भारतीय head coach के कोच बनने का। जैसे ही रवि शास्त्री का युग खत्म होगा, उसके बाद Rahul Dravid  2023 तक टीम कोच बन जाएंगे। पहले इस बात की खबर थी कि द्रविड़ ने भारतीय टीम का कोच बनने के लिए इन्कार कर दिया थे लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह से बात करने के बाद वो राजी हो गए।

अभी हाल ही में राहुल द्रविड़ श्रीलंका दौरे पर गई इंडिया बी टीम के कोच थे। जब मुख्य टीम इंग्लैंड में सीरीज खेल रही थी। तो चलिए एक नजर हम डालते हैं, Rahul Dravid  के करियर पर।

भारतीय क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार Rahul Dravid  की सबसे खास बात यह थी कि वो विकेट पर टिके रहते थे जिसकी वजह से उन्हें “द वॉल” के नाम से भी जाना जाता है। अपने करियर में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन कभी भी उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और अपने प्रदर्शन से अपनी काबिलियत को भी साबित किया।

Rahul Dravid Biography In Hindi: Dravid की निजी जिंदगी

Rahul Dravid का पूरा नाम राहुल शरद द्रविड़ है और उनका जन्म एक मराठी परिवार में 11 जनवरी 1973 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था लेकिन उनके जन्म के कुछ समय के बाद ही उनका पूरा परिवार बैंगलोर चला गया और वहीं रहने लगा। उनके पिता का नाम शरद द्रविड़ था जोकि जैम और अचार की किसी कंपनी में काम किया करते थे और यही कारण है कि Rahul Dravid को लोग प्यार से जैमी भी कहते हैं।

उनकी माँ का नाम नाम पुष्पा द्रविड़ था जोकि वहीँ के एक कॉलेज में बतौर प्रोफेसर काम करती थीं। साल 2003 में Rahul Dravid ने विजेता पेंढारकर से शादी की और उनके दो दो बच्चे भी हैं जिनके नाम समित और अन्वय है।

बचपन से ही Rahul Dravid की रूचि क्रिकेट में रही जिसकी वजह से उन्होंने महज 12 साल की उम्र से ही क्रिकेट के मैदान पर अपना कदम रख दिया था। बैंगलोर में उन्होंने पढाई के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट पर भी ध्यान देना शुरू किया और इसके बाद उन्होंने अंडर 15, अंडर 17 और अंडर 19 में कर्नाटक की तरफ से खेल में हिस्सा लिया।

शुरुआत में Rahul Dravid बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग भी करते थे लेकिन कुछ दिग्गज खिलाड़ियों की सलाह के बाद उन्होंने विकेटकीपिंग को छोड़कर बल्लेबाजी पर ध्यान देना शुरू कर दिया। आगे चलकर उन्होंने भारतीय टीम में विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई थी।

Rahul Dravid Biography In Hindi: Dravid Ka Career

साल 1991 में उन्हें पहली बार रणजी ट्राफी खेलने के लिए चुना गया और महाराष्ट्र की टीम की तरफ से उन्हें खेलने का मौका मिला। इसके बाद Rahul Dravid को साल 1996 में श्रीलंका के खिलाफ सिंगापुर में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेलने का मौका मिला लेकिन वो अपने पहले मैच में कुछ ज्यादा कमाल नहीं कर पाए लेकिन कुछ समय के बाद ही उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी।

सौरव गांगुली के साथ Rahul Dravid ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 95 रनों की अहम पारी खेली। आगे चलकर Rahul Dravid को टेस्ट क्रिकेट में नंबर तीन पर खेलने का मौका मिला और उन्होंने इस मौके को सही तरीके से भुनाया।

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उन्होंने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ खेलते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई। शुरुआत में उन्हें उनकी धीमी बल्लेबाजी के लिए वनडे क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं दिए गए लेकिन आगे चलकर उन्होंने वनडे क्रिकेट में ऐसी चाप छोड़ी जिसकी चर्चा आज भी होती है।

Rahul Dravid Runs Aur Stats

साल 1999 और 2003 के विश्व कप में Rahul Dravid के प्रदर्शन को देखकर ये साफ़ हो गया कि वो असल मायने में टीम इंडिया के दीवार हैं। 64 टेस्ट मैचों में उन्होंने कुल 13288 रन बनाए हैं जिसमें 36 शतक, 5 दोहरे शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं, वनडे क्रिकेट में उन्होंने बल्लेबाजी तो धीमी की लेकिन यहाँ भी उनका करियर शानदार रहा। उन्होंने 344 वनडे मैचों में 10889 रन बनाए हैं जिसमें 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल हैं जबकि आईपीएल में भी द्रविड़ ने अपने बल्ले से जौहर दिखाने का काम किया है। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए द्रविड़ ने 89 मैचों में 2174 रन बनाए हैं जिसमें 11 अर्धशतक शामिल हैं।

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में Rahul Dravid  ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर अच्छी पारी खेली है। उन्होंने और सचिन तेंदुलकर ने कुल साझेदारी करते हुए 237 रन बनाए हैं।  जब एक मैच में भारतीय टीम के विकेटकीपर नयन मोंगिया चोटिल हो गए तो उन्होंने विकेटकीपिंग की भी जिम्मेदारी संभाली और जब महेंद्र सिंह धोनी टीम का हिस्सा बने तो उन्होंने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी।

Rahul Dravid और सचिन तेंदुलकर के किस्से

Rahul Dravid और सचिन तेंदुलकर को लेकर दो किस्से काफी मशहूर हैं।  पहला यह कि जब भारत और पाकिस्तान का मैच होता था तो यह दोनों बल्लेबाज हिंदी और अंग्रेजी के बजाय मराठी भाषा में बात किया करते थे ताकि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत की रणनीति ना पता चले और दूसरा यह कि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज क्रिस केर्न्स के रिवर्स स्विंग से Rahul Dravid और सचिन तेंदुलकर काफी परेशान हो गए थे जिसके बाद सचिन तेंदुलकर ने ऐसा तरीका निकला कि चानक सबकुछ बदल दिया और आग उगल रहे क्रिस केर्न्स अचानक चौके पर चौके खाने लगे।

दरअसल, मोहाली में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच खेला जा रहा था और क्रिस केर्न्स अपनी बेहतरीन रिवर्स स्विंग से राहुल द्रविड़ और सचिन को परेशान कर रहे थे। क्रिस केर्न्स गेंद को छुपा कर क्रीज तक ला रहे थे जिसके बाद बल्लेबाज इस बता का अंदाजा नहीं निकाल पा रहे थे कि गेंद का चमकदार हिस्सा किस तरह है। आपको जानकरी के लिए बता दें रिवर्स स्विंग खेलने के लिए गेंद का पुराना और नया हिस्सा देखना काफी जरूरी होता है क्योंकि गेंद उसी के हिसाब से हवा में स्विंग होती है।

इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने Rahul Dravid को अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि ‘मैं नॉन स्ट्राइक पर खड़ा होकर केर्न्स की ओर देखूंगा कि गेंद की चमकदार साइड किस ओर है।  बॉल की चमकदार साइड जिस ओर होगी मैं बल्ला उसी हाथ में पकड़ूंगा।

Rahul Dravid Biography In Hindi

फिर क्या था Rahul Dravid ने सचिन तेंदुलकर की बात मानी और गेंदबाज की बजाए सचिन का हाथ देखने लगे और चौके पर चौके लगाने लगे। ये देख सभी कीवी खिलाड़ी हैरान रह गए, खुद केर्न्स को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक भारतीय बल्लेबाज इतनी आसानी से रिवर्स स्विंग कैसे खेलने लगे? लेकिन कुछ देर बाद केर्न्स और कीवी खिलाड़ियों को यह बता समझ आ गई कि सचिन लगातार गेंदबाज के हाथ को देख रहे हैं और राहुल द्रविड़ को वो सिग्न्ल दे रहे हैं। इसके बाद क्रिस केर्न्स ने सोचा कि क्यों ना सीम की जगह क्रॉस सीम से गेंद फेंका जाए और अचानक वो गेंद करते-करते रुक गए।

फिर उन्होंने सचिन से पूछा कि अब कौन सा इशारा करोगे ? लेकिन सचिन ने इसका भी तोड़ निकला हुआ था। एक इंटरव्यू के दौरान सचिन ने बताया था कि उन्होंने राहुल द्रविड़ को कहा हुआ था, अगर उन्हें गेंद के बारे में पता नहीं होता तो वो बल्ले को पकड़कर पैरों के बीच में रख लेंगे।

Rahul Dravid  की सबसे खास बात यह है कि वो क्रिकेट के एक कुशल कलाकार रहे हैं।  आज के समय में भी उनके जैसी कनीकी क्षमता बहुत ही कम खिलाड़ियों के पास है और शायद यही कारण है कि उन्हें मिस्टर भरोसेमंद कहा जाता है।

तो चलिए आज इस महान खिलाड़ी की कुछ खास उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।

अर्जुन अवार्ड: 1998 में Rahul Dravid  को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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2000: विजडन क़्रिकेटर ऑफ द ईयर (Wisden Cricketer of the Year 2000)

पद्म श्री: 2004 में राहुल को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर: 2004 में ही Rahul Dravid को आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया था।

सर्वाधिक कैच : टेस्ट इतिहास में Rahul Dravid सबसे अधिक कैच लेने वाले खिलाड़ी हैं जिनके नाम 200 कैच हैं।

12,000 टेस्ट रन : Rahul Dravid दुनियां के तीसरे और भारत के दूसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम 12,000 टेस्ट रन हैं।

10,000 वनडे रन : Rahul Dravid भारत के तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम 10,000 से ज्यादा वनडे रन हैं।

85 शतकीय भागीदारी : Rahul Dravid ने अपने अन्य साथी क्रिकेटरों के साथ 85 से अधिक शतकीय भागीदारियां निभाई हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

300 रन से ज्यादा की भागीदारी : Rahul Dravid वनडे के ऐसे इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक पारी में 300 से ज्यादा रनों की भागीदारी में हिस्सा लिया है।

Rahul Dravid का संन्यास

इतनी सारी उपलब्धियों को हासिल करने के बाद Rahul Dravid ने साल 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया और इसके ठीक एक साल के बाद 2013 में आईपीएल समेत टी-20 क्रिकेट से भी सन्यास ले लिया।

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Rahul Dravid Biography In Hindi: टीम इंडिया के संकट मोचन Rahul Dravid

टीम इंडिया के दीवार Rahul Dravid ने हमेशा मुसीबत के समय टीम की हर तरह से मदद की है।  जब भारतीय टीम को एक विकेटकीपर की जरुरत थी तो उन्होंने विकेटकीपिंग की, जब कप्तान की जरूरत थी तो कप्तानी की और जब टीम इंडिया को एक कोच की जरूरत पड़ी तो वो अब भारतीय टीम के कोच बनने को भी तैयार हो गए हैं। तो ये थी कहानी टीम इंडिया के दीवार Rahul Dravid की।

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