प्रोटीन शब्द ग्रीक भाषा के “प्रोटीआस “शब्द के आधार पर रखा गया है। Jaaniye protein kisme hota hai, uss ke fayde aur woh kya hota hai
प्रोटीआस शब्द का अर्थ है “सर्वप्रथम “स्थान ग्रहण करना। प्रोटीन एक पोषक तत्व है जो कि दूध,दूध से बने पदार्थ, दालें, सोयाबीन,मछली मांस,अंडों से मिलता है।
Protein Ke Fayde Aur Karya
प्रोटीन के कार्य
1.प्रोटीन नए तंतु के उत्पादन में सहायता करता है।
2.प्रोटीन टूटे-फूटे व पुराने तंतुओं की मरम्मत करता है।
3. शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन प्रदान करने में सहायता करना।
4. शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करना।
5. शरीर के विकास की गति में सहायता करना।
Protein Kisme Hota Hai
अनुशंसित भोजन मात्रा (Recommended Dietary Allowance ) (RDA)
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के (ICMR) के अनुसार प्रोढोँ को शरीर के वजन पर आधारित एक ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम लेनी चाहिए। शिशु की वृद्धि बहुत तेजी से होती है, इसलिए उन्हें 1.6 ग्राम- 2.0 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के अनुसार देनी चाहिए।
गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 15 से 25 ग्राम प्रोटीन अतिरिक्त लेनी चाहिए नहीं तो वह महिला कुपोषण का शिकार हो जाती है।
Protein Kya Hota Hai
प्रोटीन की कमी से कुपोषण, PEM- Protein Energy Malnutrition
प्रोटीन की कमी से क्वाशियोरकर और मरास्मस अर्थात सूखा रोग हो जाता है।
क्वाशियोरकर रोग
यह भोजन में प्रोटीन की कमी के कारण होता है इसका ग्रीक भाषा में अर्थ है “विस्थापित” बच्चा| इस रोग में बच्चे का चेहरा चांद की तरह हो जाता है।
वसायुक्त यकृत के कारण पेट फुला फुला सा रहता है
बड़े बच्चों में यह रोग जब होता है जब बच्चा लंबी अवधि तक मां के दूध पर आधारित रहता है, तो उसकी पौष्टिक
आवश्यकताएं मां के दूध से पूरी नहीं हो पाती
इसमें बच्चा सामान्यता उदासीन रहता है।बच्चे को भूख नहीं लगती इसलिए बच्चे का विकास धीरे और कठिन हो जाता है।इस दशा में पेट भी खराब हो जाता है तथा मल अम्लीय तरल सा हो जाता है।
बच्चा संक्रामक रोग से ग्रसित हो जाता है। त्वचा रंगहीन हो जाती है,छिल सी जाती है। बाल नरम,बिखरे हुए तथा लाल रंग के हो जाते हैं।
इस रोग में बच्चे को चलने में कठिनाई आने लगती है।
मरास्मस रोग
प्रोटीन की कमी होने के साथ ही ऊर्जा या कैलोरी की भी कमी के कारण मरास्मस रोग हो जाता हैं।
प्रोटीन-ऊर्जा संबंधी कुपोषण का यह एक गंभीर रूप है। जब किसी असामान्य रूप से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई)होता हैं। बच्चों के विकास में वृद्धि धीमी गति से होती हैं। लगातार चक्कर आने लगते हैं। शरीर में ऊर्जा की कमी,त्वचा शुष्क या रूखी हो जाती हैं। बाल भंगुर हो जाते हैं। शरीर का वजन कम हो जाता है।
बच्चों को संक्रामक रोग जल्दी हो जाते हैं जैसे – खसरा आदि। शरीर में अत्याधिक कमजोरी आ जाती है। बार-बार संक्रमण का डर रहता है, इत्यादि।