Khel Kud Ka Mahatva: स्वस्थ-शरीर धर्म साधना की पहली आवश्यकता

Khel Kud Ka Mahatva: स्वस्थ-शरीर धर्म साधना की पहली आवश्यकता

Khel Kud Ka Mahatva: स्वस्थ-शरीर धर्म साधना की पहली आवश्यकता | “शरीरमाद्य खलु धर्म साधनम्” शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल तथा व्यायाम प्रमुख साधन है।

खेल , हमारे शरीर और मन मस्तिष्क का विकास करते हैं।खेलने से शरीर हष्ट पुष्ट होता है।
मांसपेशियां मजबूत बनती है। शरीर की सभी इंद्रियां सक्रिय रहती है, रक्त का संचार उचित रूप से सारे शरीर में होता है।

खुली हवा में खेलने से फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक जाती है।खुलकर भूख लगती है जो खाते हैं वह आसानी से पच जाता है।नया रक्त बनता है। खेलकूद से रोग दूर रहते हैं। खेलकूद से शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहती है,इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलकूद आवश्यक है।अर्थात प्रत्येक प्रकार की साधना केवल स्वस्थ शरीर द्वारा ही की जा सकती है।

Khel Kud Ka Mahatva: मित्रता और भाईचारे की भावना

खेलने से मित्रता और भाईचारे की भावना बढ़ती है। विभिन्न धर्मों, जातियों तथा राज्यों के खिलाड़ी जब एक टीम के रूप में खेलते हैं, तो सांप्रदायिक सद्भाव की वृद्धि होती है, क्योंकि खिलाड़ी की न कोई जाति होती है, न धर्म। पारस्परिक सहयोग, मैत्री, सद्भाव, अनुशासन, संगम जैसे अनेक गुण खेल के मैदान में ही सीखे जाते हैं।
खेल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेलजोल, भाईचारा व विश्वबंधुत्व लाते हैं।

तनाव, चिंता, सुकून*

खेल बहुत ही अच्छी शारीरिक गतिविधि है,जो तनाव और चिन्ता से मुक्ति प्रदान करता है। एक सूकून और आराम का जीवन जीने के लिए हम सभी को स्वस्थ मस्तिष्क और स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है। इसलिए खेल किसी भी उम्र का व्यक्ति कोई भी खेल, खेल सकता है।

आज के इस दौड़ -भाग और तनाव युक्त जिंदगी से तनाव दूर होने के लिए व्यक्ति को खेल अवश्य खेलना चाहिए।
शारीरिक और मानसिक क्षमता

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खेल दो प्रकार के होते हैं | “आउटडोर खेल” जो ज्यादातर मैदान में खेला जाता है जैसे क्रिकेट, हॉकी, दौड़ वॉलीबॉल आदि खेल है आउटडोर खेल को खेलने से लगन, नियमितता, धैर्य जैसे आदि गुणों का विकास होता है, इसके साथ-साथ शारीरिक और मानसिक क्षमता का भी विकास होता है।

खेल का दूसरा प्रकार है ” इनडोर खेल ” जो घर के अंदर या स्कूल के अंदर भी खेले जाते हैं शतरंज,सुडोकू आदि ये खेल मानसिक शक्ति और मन एकाग्र करने की क्षमता का विकास करते हैं।

आउटडोर और इनडोर खेल दोनों ही शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास करते हैं |

सपूर्ण विकास

जीवन को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए हमारे शरीर का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है, उसी प्रकार हमारे शरीर के पूर्ण विकास हेतु खेल बहुत ज़रूरी है. खेलो मे भाग लेने से हमारे शरीर का सपूर्ण विकास होता हैं।

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अर्जुन एवं द्रोणाचार पुरूस्कार

खेलो से शरीर का विकास तो होता ही है, साथ ही यह हमारे जीवन को भी सफल बनाता है।भारत मे सरकार खेल मे ख्याति प्राप्त खिलाड़ियो को अनेक पुरूस्कारो से सम्मानित करती है, अर्जुन एवं द्रोणाचार जेसे पुरूस्कार इसी श्रेणी मे आते है |

महिलाओ ने भी इस दिशा मे नाम रोशन किया है पी टी उषा, मेरी कॉम, सयना नेहवाल एवं सानिया मिर्ज़ा जेसे महिला खिलाड़ियो ने खेलो के विभिन्न वर्गो मे सफलता अर्जित की है. जिनमे से  पी टी उषा दौड़ मे,  मेरी कॉम मुक्केबाज़ी मे, सयना नेहवाल बेटमिंटन मे एवं सानिया मिर्ज़ा टेनिस मे सफलता हासिल कर देश का नाम गौरवान्वित किया है.

व्यक्ति के पास सबसे बड़ी पूंजी है उसका अच्छा स्वास्थ्य।

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