क्रिकेट के इतिहास में 23 जून का दिन इतिहास के पन्नो में दर्ज है क्योंकि आज से ठीक 8 साल पहले भारतीय टीम ने पूर्व कप्तान MS Dhoni की कप्तानी में पहली बार Champions Trophy 2013 पर अपना कब्जा जमाया था।
जी हाँ, 23 जून 2013 को पहली बार भारतीय टीम ने इस ट्रॉफी को जीता था।
इसी के साथ MS Dhoni आईसीसी के तीनों ट्रॉफी को जीतने वाले पहले कप्तान बन गए थे। जैसा कि आप जानते हैं, MS Dhoni की कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप 2011 और Champions Trophy 2013 को अपने नाम किया है लेकिन इन तीनों ट्रॉफी को जीतने में MS Dhoni के फैसले ने अहम भूमिका निभाई थी।
तो चलिए आपको आज बताते हैं, MS Dhoni के उन चौकाने वाले फैसलों के बारे में जिसकी वजह से सब हक्के बक्के रह गए थे।
Champions Trophy 2013 England vs India
शुरुआत करते हैं चैंपियंस ट्रॉफी से, इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल मैच में इंग्लैंड लगभग जीत ही चूका था लेकिन MS Dhoni की कप्तानी ने इंग्लैंड के मुंह से जीत का निवाला छीन लिया। दरअसल, फ़ाइनल मुकाबले में बारिश हो गई और इस वजह से मैच को 20-20 ओवर का कर दिया गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारतीय टीम ने 20 ओवर में मात्र 129 रन ही बनाए।
भारत की तरफ से विराट कोहली और शिखर धवन के आलावा कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया। एक तरफ जहाँ रोहित शर्मा ने 9 रन, सुरेश रैना ने 1 रन तो कप्तान MS Dhoni तो अपना खता तक नहीं खोल पाए थे। वहीं, दूसरी तरफ विराट कोहली ने 34 और शिखर धवन ने 31 रन बनाए। इसी की बदौलत भारतीय टीम 129 रनों का स्कोर खड़ा कर पाई थी।
Champions Trophy 2013: बीच मैच में MS Dhoni ने खेल दिया जुआ
जब 17 वें ओवर तक इंग्लैंड की टीम 102 रन बना चुकी थी कि तभी 18 वें ओवर में MS Dhoni ने एक जुआ खेल दिया, मतलब अपने फैसले से चौका दिया। MS Dhoni ने 18 वां ओवर ईशांत शर्मा से करवाने का फैसला किया जो 3 ओवर में 27 रन लूटा चुके थे। MS Dhoni के इस फैसले से क्रिकेट एक्सपर्ट्स अचंभित रह गए।
ईशांत शर्मा ने MS Dhoni के भरोसे को बेकार जाने नहीं दिया। पहले बॉल पर इयोन मॉर्गन ने उन्हें छक्का जड़ दिया जबकि बाकि की दो गेंदे ईशांत ने वाइड फेंक दी लेकिन इसके बाद ईशांत ने जो किया वो सोने पर सुहागा था। ईशांत ने अगली दो गेंदों पर मॉर्गन और रवि बोपारा को आउट कर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। जीत लगभग अब भारत की झोली में गिरी थी कि MS Dhoni ने एक और जुआ खेल दिया।
MS Dhoni ने आखिरी ओवर आर अश्विन से कराने का फैसला किया। यहाँ भी सब हक्के बक्के रह गए। आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जीत के लिए 15 रन की दरकार थी। शुरुआत की दो गेंदों पर अश्विन ने 5 रन दिए लेकिन इसके बाद अगली चार गेंदों पर अश्विन ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कोई बड़ा शॉट लगाने का मौका नहीं दिया और भारत ने इस मुकाबले को 5 रन से जीत लिया और चैंपियंस ट्रॉफी पर भी अपना कब्जा जमा लिया।
ये तो थी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 की बात, इसके आलावा भी MS Dhoni ने बीच मैच में अचानक से फैसला लेकर सबको हक्का बक्का कर दिया था। चलिए उससे भी आपको रूबरू करवाते हैं।
साल 2007 के टी20 विश्व कप में MS Dhoni का चौकाने वाला फैसला
साल 2007 के टी20 विश्वकप के फाइनल में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी, ये बात सभी जानते हैं लेकिन कैसे धूल चटाई थी, ये बहुत कम ही लोग जानते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो चलिए आपको उस अनसुने किस्से के बारे में बताते हैं।
दरअसल, MS Dhoni अचानक फैसले लिए जाने के लिए काफी मशहूर हैं और इसकी झलक 2007 के टी20 विश्व कप के दौरान दिख गई थी जब कप्तान MS Dhoni ने आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा से करवाने का फैसला कर लिया।
MS Dhoni के इस फैसले पर सभी ने नाराजगी जताई थी क्योंकि हरभजन सिंह का एक ओवर बाकि था लेकिन जोगिंदर शर्मा ने मिस्बाह को अपनी गेंदबाजी में फंसाकर भारतीय फैंस के साथ-साथ कप्तान MS Dhoni का भी दिल जीत लिया। भारत ने पाकिस्तान को हराकर टी20 विश्वकप पर अपना कब्जा जमाया था।
वनडे विश्व कप 2011 में MS Dhoni ने क्यों की युवी से पहले बल्लेबाजी ?
भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप पर अपना कब्जा 25 जून 1983 को जमाया था। कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप जीता था लेकिन टीम इंडिया को दूसरी बार विश्व कप जीतने में 28 साल लग गए।
2 अप्रैल 2011 को MS Dhoni की कप्तानी में टीम इंडिया ने दूसरी बार विश्व कप जीता था। MS Dhoni अगर किसी टीम के कप्तान हों और वहां सस्पेंस ना हो, भई हो नहीं सकता है। बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि टीम इंडिया के दूसरी बार विश्व विजेता बनने में MS Dhoni का एक अहम फैसला छुपा है, मतलब MS Dhoni ने यहाँ भी एक जुआ खेला था।
दरअसल, MS Dhoni ने अचानक से युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। MS Dhoni के इस फैसले से सभी हैरान हो गए क्योंकि 2011 विश्व कप के टूर्नामेंट में युवी शानदार फार्म में थे।
एक इवेंट के दौरान MS Dhoni ने इसका खुलासा करते हुए कहा था, “मैं श्रीलंका के ज्यादातर गेंदबाजों को जानता था। वे सीएसके की टीम का हिस्सा थे। मैंने खुद को इसलिए प्रमोट किया क्योंकि उस समय मुरलीधरन गेंदबाजी कर रहे थे। मैं उन्हें नेट्स में काफी खेल चुका था। मुझे पूरा यकीन था कि मैं उनका सामना कर सकता हूं और आसानी से रन बना सकता हूं। यह उन अहम कारणों में से था तब जब मैंने खुद को प्रमोट करने का फैसला किया था”।
हालांकि, कहा ये भी जाता है कि MS Dhoni को इस पर सोचने के लिए मजबूर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने किया था। वो सचिन तेंदुलकर ही थे जिन्होंने MS Dhoni को युवी से पहले बल्लेबाजी करने जाने की सलाह दी थी। दरअसल, सचिन तेंदुलकर का यह मानना था कि दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज का कॉम्बिनेशन बना रहे। सचिन तेंदुलकर इस बात को अच्छे से जानते थे कि श्रीलंका की टीम दो शानदार स्पिनर के साथ खेल रही है, इसलिए भारतीय टीम को अपने बल्लेबाजी कॉम्बिनेशन को बनाए रखना था।
एक इंटरव्यू के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा,”उस वक़्त गौतम गंभीर बहुत ही अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और स्ट्राइक में लगातार बदलाव MS Dhoni जैसा बल्लेबाज ही ला सकता था। फिर मैंने वीरू से कहा कि वो जाकर एमएस को बोल दे और नेक्स्ट ओवर शुरू होने से पहले वापस आ जाए क्योंकि मैं यहां से बिल्कुल नहीं हिलूंगा।”
सचिन तेंदुलकर की बात पर MS Dhoni ने गौर किया और फिर इसके बाद उन्होंने कोच गैरी कर्स्टन से थोड़ी सलाह ली और आज नतीजा आज सबके सामने है।