प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रामजस अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय में संस्कृत दिवस धूमधाम से मनाया गया
सभी छात्रों ने संस्कृत कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लिया । परंपरा का निर्वहन करते हुए प्राचार्या के हस्तकमलों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ l उसके बाद सभी छात्र-छात्राएँ अपने कार्यक्रम में तल्लीन दिखाई दिए तथा रामजस का संगोष्ठी सभागार भरतनाट्यम् के गीतों की ध्वनि से गुंजायमान था । हास्यकणिका के माध्यम से सभी छात्र हँसते हुए संस्कृत दिवस मना रहे थे l
तत्पश्चात एक छात्रा ने संस्कृत के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी हैं l इसी श्रृंखला में सहभागी छात्रा ने कर्मयोग के सिद्धांत को स्पष्ट रूप में समझाने का प्रयास किया । उसी क्रम में प्रतिभावान छात्र ने ‘सत्यमेव जयते’ इत्यादि नारों से गोष्ठी को आह्लादित किया एवं संस्कृत में अनुवाद श्रीबल्ली नामक गीत ने तो सभी को आश्चर्यचकित ही कर दिया।पुनः छात्र-छात्राएँ संस्कृत में संवाद करते हुए नज़र आए। यह सभी का मनमोहक केंद्र बना । सभी छात्रगण संस्कृत का अध्ययन करते हुए देश की सेवा करने की प्रतिज्ञा लेते हुए भावुक हुए।
कार्यक्रम के अंतिम में शांति मंत्र के साथ प्राचार्या ने संस्कृत के महत्व को छात्रों के मध्य साझा किया ।
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