Tokyo Paralympics में भारत को तीसरा रजत पदक दिलाने वाले Yogesh Kathuniya आठ साल की उम्र में लकवा ग्रस्त हो गए थे, jaaniye unki biography in Hindi
Yogesh Kathuniya ने पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के एफ56 वर्ग में शानदार खेल दिखाते हुए रजत पदक हासिल किया। उन्होंने अपने छठे और अंतिम प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया। तो चलिए जानते हैं इन्हीं Yogesh Kathuniya की पूरी कहानी।
Yogesh Kathuniya Biography In Hindi: आठ साल की उम्र में लकवे का शिकार
3 मार्च 1997 को हरियाणा में जन्में Yogesh Kathuniya का बचपन आसान नहीं था। आठ साल की उम्र में ही वो लकवे का शिकार हो गए थे लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने का पीछा किया। बड़े-बड़े सपने देखने वाले Yogesh Kathuniya के पास कोचिंग की सुविधाएं नहीं थीं जिसकी वजह से उन्हें अपने कौशल और प्रदर्शन में सुधार करने में परेशानी हुई।
दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उन्होंने पाने कौशल पर ध्यान दिया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल सिंह से ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने अपने छठे प्रयास में साल 2019 में दुबई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो पैरालंपिक में अपनी जगह बना ली। उसमें उन्होंने 42.51 मीटर का थ्रो फेंका था।
Yogesh Kathuniya द्वारा हासिल की गईं उपलब्धियां
साल 2018 में Yogesh Kathuniya ने बर्लिन में आयोजित पैरा-एथलेटिक्स ग्रां प्री में स्वर्ण पदक हासिल करते हुए पुरुषों के डिस्कस एफ36 वर्ग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर अपने नाम कर लिया। उन्होंने उसमें 45.18 मीटर का थ्रो फेंका था और चीन के कुइकिंग के 42.96 मीटर के विश्व रिकॉर्ड को अपने नाम किया था। इसके साथ ही Yogesh Kathuniya ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 श्रेणी स्पर्धा में 42.05 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक भी हासिल किया था।
स्वर्ण पदक के लिए करेंगे कड़ी मेहनत
टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक हासिल करने के बाद Yogesh Kathuniya ने कहा कि वो अगली बार स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा कि वो बस एक मीटर पीछे रह गए लेकिन पेरिस में वो विश्व रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश करेंगे। वो विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार थे लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाए।