आज का दिन मेरे जीवन के सबसे भावुक और गर्व से भरे पलों में से एक है
मेरे पिता, श्री नरेंद्र जैन जी द्वारा लिखित “समर गाथा” का विमोचन माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी के कर-कमलों से हुआ।
यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन अनसुने नायकों की कहानियों को समाज के सामने लाती है, जिनके योगदान को भुला दिया गया है। यह सिर्फ़ कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि हमारे इतिहास के उन अध्यायों को जीवंत करने का प्रयास है, जो हर भारतीय को प्रेरित करेंगे।
मैं माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को अपनी उपस्थिति से विशेष बनाया। साथ ही, मैं *प्रभात प्रकाशन* का भी आभारी हूं, जिन्होंने इस पुस्तक को प्रकाशित कर इसे जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया।
“समर गाथा” केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की गाथाओं को जीवित रखने का एक प्रयास है। यह हमें यह याद दिलाती है कि हमारी आज़ादी उन अनगिनत बलिदानों का परिणाम है, जिनकी कहानियां आज भी अनसुनी हैं।
आप सभी से आग्रह है कि इस पुस्तक को पढ़ें और उन नायकों को श्रद्धांजलि दें, जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दी।