Progress in sports is not possible without the combination of sports science

Progress in sports is not possible without the combination of sports science

नई दिल्ली: खेलों में बढ़ती विज्ञान की भूमिका को लेकर प्रगति मैदान में खेल मंत्रालय के सहयोग से पेफी के द्वारा आयोजित सातवी खेल विज्ञान कांफ्रेंस के अंतिम दिन देश भर के खेल वैज्ञानिकों, शारीरिक शिक्षकों, खेल प्रशिक्षकों और शोधकर्ताओं ने एक स्वर में यह माना कि वर्तमान समय में खेलों में विना खेल विज्ञान के समायोजन के बिना खेलो की प्रगति संभव नहीं है

नेशनल सेण्टर ऑफ़ स्पोर्ट्स साइंस एवं रिसर्च के निदेशक डॉ. बिभू कल्याण नायक ने इस अवसर पर कहा कि खेलो में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा और चौंकाने वाले परिणामों को देखते हुए यह जरूरी है कि भारतीय खेल शीघ्र – अतिशीघ्र खेल वैज्ञानिकों के साथ मिलकर भविष्य की रणनीति बनाए जिससे कि हमारा देश आने वाले समय में खेलों की महा शक्ति बन सकें. बिना खेल विज्ञान के यह संभव नहीं है।

समापन सत्र के चलते नाडा के डायरेक्टर जनरल आशीष भार्गव ने पेफी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को ग्रास रूट से ही एंटी डोपिंग की जानकारी देना जरूरी है, यह भी खेल विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विषय है, उनके अनुसार बहुत से खिलाड़ी डोपिंग रूल्स की जानकारी के अभाव में गलती से डोपिंग के केस में पकडे जा कर अपना भविष्य बर्बाद कर लेते है।

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खेल मंत्रालय के निदेशक विमल आनंद ने खेल विज्ञान को एक महत्वपूर्ण विषय बताया और खेल मंत्रालय के द्वारा खेल विज्ञान को लेकर चलाई जा रही मुहीम की जानकारी दी। पेफी के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा की खेल मंत्रालय माननीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के विकास के लिए प्रयत्नशील है अभी हाल ही में एशियाई गेम्स में रिकॉर्ड प्रदर्शन इस बात का गवाह है कि खेल मंत्रालय के प्रयास फलीभूत हो रहे है।

इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा में कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के चैयरमेन डॉ. अरविन्द मलिक, श्री श्री यूनिवर्सिटी से डॉ. तीर्थंकर घोष, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ राजस्थान से डॉ. नेहा, नेशनल कॉलेज तमिलनाडु से डॉ. प्रसन्ना बालाजी, द्रोणाचार्य अवार्डी डॉ. अजय बंसल , एल एन सी पी ई से डॉ. आशुतोष आचार्य ने हिस्सा लिया और एक स्वर में देश में खेलों में खेल विज्ञान को शामिल करने का आव्हान किया।

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इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में देश के 30 राज्यों से खेल वैज्ञानिक शामिल हुए और दो दिन में 100 से अधिक पेपर प्रेजेंट कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया।

समापन अवसर पर एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटी के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी स्पोर्ट्स डॉ. गुरदीप सिंह द्वारा लिखित पुस्तक अल्टीमेट ड्रीम फॉर ओलिंपिक गोल्ड का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर ग्यारह् टीचर्स को स्पोर्ट्स इंडिया अवार्ड दिये गए।

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