कहानी की शुरुआत होती है 20 अक्टूबर 1963 को जब पंजाब राज्य के पटियाला जिले में एक बच्चे का जन्म हुआ, jaaniye Navjot Singh Sidhu ki biography, news aur cricket career in Hindi
आज हम भारत के उस पूर्व खिलाड़ी की बात करेंगे जिसने पहले क्रिकेट की पिच पर चौके और छक्के लगाए और अब वो राजनीति की पिच पर चौके और छक्के लगा रहा है। इस पूर्व खिलाड़ी पर हत्या का आरोप भी लगा था।
Navjot Singh Sidhu Biography In Hindi
सरदार भगवंत सिंह सिद्धू के घर जन्में इस बच्चे ने क्रिकेट की दुनिया में खूब सुर्खियां बटोरी, जिसका नाम था नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu)। सिद्धू ने अपनी शिक्षा पटियाला में ही हासिल की।
उनके पिता एक क्रिकेटर थे और यही कारण है की सिद्धू को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव था। सिद्धू के पिता भी यही चाहते थे कि वो एक क्रिकेटर बने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले लेकिन शुरूआती दौर में सिद्धू को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
Navjot Singh Sidhu Cricket Career
आलम तो ये था कि अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट के दो टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा था। लगभग 5 वर्षो तक क्रिकेट में संघर्ष करने के बाद उनकी किस्मत तब चमकी जब उनको 1987 के वर्ल्ड कप के लिए चुन लिया गया। उस टूर्नामेंट में सिद्धू ने बेहतर प्रदर्शन किया।
नवजोत सिंह सिधु (Navjot Singh Sidhu) ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 6 जनवरी 1999 को न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ खेला था जबकि अंतिम एक दिवसीय मैच 20 सितम्बर 1998 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। इसके बाद दिसम्बर 1999 में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में सन्यास की घोषणा कर दी। नवजोत सिंह सिद्धू का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1983 से लेकर 1999 तक रहा।
अपने करियर के दौरान सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने उस चीज का भी समाना किया जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। दरअसल, सिद्धू पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ था। यह तब की घटना है जब सिद्धू ने 1987 का विश्व कप खेल लिया था। मामला 27 दिसम्बर 1988 का है, जब मामूली कहा सुनी के दौरान एक 75 साल के बुर्जुग की गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ।
इस मामले में उन्हें पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। उन पर आरोप यह था कि उन्होंने एक व्यक्ति की हत्या में मुख्य आरोपी की मदद की है जबकि सिद्धू ने इन आरोपों को गलत बताया था।
Navjot Singh Sindhu Biography In Hindi: Murder Case
दरअसल, उस दिन हुआ ये था कि एक शाम सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अपने एक दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट मार्किट गए। इसके बाद एक स्टेट बैंक के सामने कार पार्किंग को लेकर उनकी कहा सुनी हो गई, जिस शख्स के साथ उनकी कहासुनी हुई वो 75 साल के बुर्जुग थे।
उनका नाम था गुरनाम सिंह, उनके साथ उनका एक भांजा भी था। दरअसल, भांजे की कोर्ट में दी गई गवाही के अनुसार सिद्धू ने गुरनाम सिंह को अपने घुटनों से मारकर गिरा दिया था, जिसके बाद वो बेहोश हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात खुलकर सामने आई थी कि मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी। इस तरह सिद्धू और उनके दोस्त संधू पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
साल 2006 में सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी मानते हुए दोनों को 3 साल की सजा और 1-1 लाख रुपए जुर्माने की सजा दी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 10 जनवरी 2007 तक का समय दिया गया। इसके बाद सिद्धू ने लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया। सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और 11 जनवरी को चंडीगढ़ कोर्ट में सरेंडर कर दिया और साथ ही बेल के लिए भी अर्जी डाल दी लेकिन बेल के लिए एक बार अरेस्ट होना जरूरी था।
इसलिए सरेंडर करने के कुछ समय बाद ही अगले दिन यानी 12 जनवरी को सिद्धू और उनके दोस्त को जमानत मिल गई। यह मामला काफी लम्बा चला और 15 मई 2018 को जाकर सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के केस में बरी किया गया लेकिन मारपीट के मामले में 6 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
Navjot Singh Sidhu Biography In Hindi: Politics News Aur Controversy
क्रिकेट की पारी समाप्त करने के बाद सिद्धू ने राजनीतिक पारी की शुरुआत की। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने भाजपा के टिकट पर अमृतसर लोकसभा सीट से 2004 में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की लेकिन सांसद बनते ही उनके खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस फिर से खुल गया। उस समय साल 1999 में ट्रायल कोर्ट ने सिद्धू को इस मामले में बरी कर दिया था।
उस समय फैसले में सबूतों की कमी का हवाला दिया गया था लेकिन जब ये केस दोबारा खुला तो जनवरी 2007 में सिद्धू ने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को कांटे की टक्कर दी और चुनाव को जीत लिया लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में सिद्धू को भाजपा ने अमृतसर से चुनाव नहीं लड़ने दिया।
उनकी जगह पार्टी ने अरुण जेटली को उतारा लेकिन जेटली यह चुनाव हार गए। अमृतसर से चुनाव ना लड़ पाने की वजह से नवजोत सिंह सिद्धू काफी नाराज थे।
इसके बाद बीजेपी ने अप्रैल 2016 में सिद्धू को राज्यसभा भेजा, लेकिन वे खुश नहीं थे। पंजाब विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की तरफ से नजरअंदाज किए जाने पर सिद्धू ने जुलाई 2016 में बीजेपी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बताया गया कि उनकी नाराजगी अमृतसर से लोकसभा चुनाव ना लड़ पाने वाली थी। इस बीच उनके भाजपा छोड़ने की खबरें आने लगीं थी।
बीजेपी की ओर से तीखी टिप्पणियों का दौर शुरू हो गया था। इसके बाद सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने जनवरी 2017 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की। फिर उन्होंने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। इसमें सिद्धू ने 42,809 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। कभी बीजेपी को मां बताकर पार्टी में एंट्री लेने वाले सिद्धू अब खुद को पैदाइशी कांग्रेसी कहने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
Navjot Singh Sidhu Biography In Hindi: Bollywood, Acting Aur Commentary
राजनीति की दुनिया के आलावा सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने क्रिकेट के लिए कमेंट्री भी की है। उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी. कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनायी। साथ ही वो बिग बॉस और रियलिटी शो में भी नजर आ चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने लाफ्टर चैलेन्ज और कपिल शर्मा शो में बतौर जज भी काम किया था। इसके आलावा सिद्धू कुछ हिंदी और पंजाबी फिल्मो में Cameo Appearance में भी नजर आये है।
सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के साथ सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने पाकिस्तान जाकर वहां के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था। साथ ही उन्होंने पुलवामा हमले पर विवादित बयान दिया था जिसके बाद उन्हें कपिल शर्मा शो को छोड़ना पड़ा था।
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की अगर खासियत की बात करें तो उनसे ज्यादा बेहतर कॉमेडी पंच शायद ही कोई मार सकता है। जिन लोगों को शायरियां बनाने में घंटो लग जाते हैं वो सिद्धू को मुंहजबानी याद होते हैं। सिद्धू के बेबाकीपन को कई लोग उनका मुंहफटपना बताते हैं तो कई ऐसे भी हैं जो इसी खासियत को सिद्धू की अहम पहचान मानते हैं।
Navjot Singh Sindhu Cricket Record, Runs, Stats
क्रिकेट में सिद्धू (Navvot Singh Sidhu) जब तक खेले, उन्होंने विरोधी टीम की नाक में दम कर रखा था। लंबे -लंबे छक्के लगाना सिद्धू की खासियत बनी और नाम मिला सिक्सर सिद्धू का। बल्लेबाजी के अलावा सिद्धू ने अपने कॅरियर के अंत में एक बेहतरीन फील्डर की भूमिका भी निभाई थी और उनकी बेहतरीन फील्डिंग को देखकर दर्शकों ने उन्हें जोंटी सिंह का नाम दिया था।
सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने 1983 से लेकर 1999 तक कुल 51 टेस्ट मैचों में 3202 रन बनाए जिसमें 9 शतक और 15 अर्द्धशतक शामिल थे। टेस्ट में उनकी सबसे बेहतरीन पारी साल 1996-97 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई 201 रनों की थी।
इसके साथ ही वो वनडे के बेहतरीन खिलाड़ी भी रहे। उन्होंने अपने करियर में कुल 136 वनडे मैचों में 4413 रन बनाए जिसमें 6 शतक और 33 अर्द्धशतक शामिल हैं। वनडे मैचों में भारत की तरफ से उन्होंने कई बार ओपनिंग भी की थी। साथ ही उन्होंने 1987 के विश्व कप क्रिकेट के दौरान कुल पांच में से चार मैच खेले और प्रत्येक मैच में अर्धशतक ठोका था।
इन दिनों सिद्धू (NavJot Singh Sidhu) राजनीति की दुनिया में व्यस्त हैं और अभी हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया तो सिद्धू का नाम भी सामने आया था क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की नोकझोक किसी से छिपी नहीं है। कभी क्रिकेट की पिच पर गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू अब राजनीति की पिच पर सबके छक्के छुड़ा रहे हैं।