एक ही प्रकार के कार्य करते- करते या एक ही प्रकार की दिनचर्या से प्रत्येक मनुष्य के जीवन में नीरसता और दिनचर्या ऊब जाती है। Jaaniye khush haal zindagi ke lie kya hai zaroori
कुछ समय पश्चात प्रत्येक मनुष्य बदलाव चाहता है।जब तक मनुष्य का जीवन है, जीवन में पग पग पर कठिनाइयां, तनाव और पीड़ा आती रहेगी। इनको भुलाने का एक ही साधन है। प्रत्येक अवसर, प्रत्येक पल का हर्ष से आंनद ले। प्रत्येक पल दूसरों की सहायता करने के लिए तैयार रहें।
Khush Haal Zindagi: त्योहारों से जीवन में उल्लास
त्योहारों से हमारे जीवन में परिवर्तन और उल्लास का संचार होता है। त्योहार आपस में और अतीत से सम्बन्ध जोड़ने का भी उत्तम साधन हैं। त्यौहारों में समाज को जोड़े रखने की क्षमता होती है।
इस कोरोना काल समय में लोग इतने नीरस हो गए हैं। इसलिए अपने घर पर ही अपने घर के सदस्यों के साथ हर पल का आनंद ले, क्योंकि इतना समय कभी भी हमने अपने परिवार को न दिया है, न ही दे पाएंगे। इसलिए हर त्यौहार, हर दिन का,हर पल का भरपूर आनंद लें।
संसार में जितने धर्म, समुदाय तथा जाति के लोग रहते हैं, हर व्यक्ति अच्छी घटनाओं से प्रसन्न रहते हैं, और बुरी घटनाओं से दुखी, इसलिए अच्छी घटनाओं को पुनरावर्तित करने के लिए त्यौहारों का निर्माण किया गया है। त्योहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं । त्योहार मनुष्य की नीरसता को समाप्त करते है,तथा त्योहार से जीवन में नवीनता आती है । त्योहारों के आगमन से पूर्व ही मनुष्य का उत्साह बढ़ जाता हैं। त्योहारों से सकारात्मक ऊर्जा व सुखद परिवर्तन आता हैं । इसलिए प्रत्येक दिन को त्यौहार की तरह जीना चाहिए।
त्योहार हमारे हृदय में उत्साह,पारस्परिक सहयोग,भाईचारा, स्वाभिमान की भावना जगाते हैं।त्योहार हमें हमारे संस्कार, भारतीय संस्कृति याद दिलाते हैं।
Harsh Aur Ullas Se Jeeye Zindagi
यें ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा हर पल को जियो, जो जिंदगी से ख्वाइश है, उसे पूरा करें।बच्चों को पूरा समय दें,जो करना चाहते है वह करें। सभी चीजोे का आनंद लें,हो सकता है यें जिंदगी न मिले दुबारा|
जीवन नदी की धारा के समान है।जैसे नदी की धारा ऊंची- नीची भूमि को पार करती, निरंतर आगे बढ़ती रहती है।उसी प्रकार जीवन का उद्देश्य निरंतर आगे बढ़ते रहना है, इसी में सुख और आनंद है।
“बीती ताहि विषारि दे, आगे की सुध लेह”
जो समय बीत गया, उसे भूलकर वर्तमान और भविष्य का ध्यान करो,इसलिए जो मन की इच्छा है और जो करना चाहते हैं वह अवश्य करें। परंतु अच्छा करें| अपने लिए, अपने परिवार के लिए, समाज के लिए,और राष्ट्र के लिए। तभी तो जिंदगी में संतोष और ठहराव आएगा।
” हारिए न हिम्मत बिसारिए न हरि नाम, जाहि विधि राखे राम ताही विधि रहिए।”
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