Kabaddi Ka Maidan In Hindi: बचपन में हम सभी ने Kabaddi तो खेला ही होगा। ये एक ऐसा खेला है जिसे खेलने के लिए किसी यंत्र या किसी उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है।
कुछ लोग मन बहलाने के लिए ये खेल खेलते हैं तो कुछ शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए ये खेल खेलते हैं।
दूर से देखने पर Kabaddi कुश्ती और हाथापाई जैसा नजर आता है लेकिन असलियत में ऐसा नहीं है। ये मात्र खेल का हिस्सा होता है। Kabaddi के खेल को जिला स्तर, राष्ट्रीय स्तर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता है । आज के समय में Kabaddi को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल चुकी है और यही कारण है कि युवाओं के बीच ये काफी लोकप्रिय होता जा रहा है।
दक्षिण भारत में Kabaddi को चेडूगुडू,पश्चिम भारत मे हू-तू-तू,पूर्वी भारत में हु डू डू और उत्तर भारत में इसे Kabaddi के नाम से जाना जाता है ! भारत के आलवा नेपाल, श्री लंका, बंगलादेश, पाकिस्तान, जापान और ईरान में भी ये खेल काफी मशहूर है और बांग्लादेश का तो ये राष्ट्रीय खेल भी है। हालांकि, आज के इस लेख में हम कबड्डी के मैदान के बारे में बताएंगे।
Kabaddi Ka Maidan In Hindi: Kabaddi Ke Maidan Ki Lambai Aur Chaudai
Kabaddi के मैदान की लंबाई और चौड़ाई पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अगल होती हैं। Kabaddi का मैदान आयताकार के साथ समतल और नरम भूमि होता है। पुरुषों के मैदान का आकार 12.50 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौड़ा होता है।
वहीं, महिलाओं के खेल के मैदान की लम्बाई 11 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होती है। Kabaddi के मैदान को एक मध्य रेखा द्वारा दो बराबर भागों में में बाँटा जाता है जिसे मध्य रेखा कहते हैं। मैदान की लंबाई की दिशा में एक मीटर चौड़ी पट्टी होती है और इसे लॉबी कहते हैं।
Kabaddi को 20-20 मिनट के दो हिस्सों में खेला जाता है। जो टीम अटैक करती है, उसमें से एक खिलाड़ी बिना सांस तोड़े कबड्डी-कबड्डी कहता हुआ दूसरी तरफ जाता है और उसकी कोशिश यही रहती है कि एक सांस में विरोधी टीम के ज्यादा-से-ज्यादा खिलाड़ियों को छुए और अपने खेमे में लौट आए।
जितने खिलाड़ियों को वो छुएगा, उतने नंबर उसकी टीम को मिलेंगे और अगर उसे विरोधी टीम के खिलाड़ी घेर लेते हैं और उसकी सांस वहीं टूट जाती है तो वो खेल से आउट हो जाता है और अंत में जिस टीम को ज्यादा नंबर मिलते हैं, वही टीम जीतती है।