आईडीपीटीएक प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित 11 दिवसीय Gang-Utsav 23 कार्यक्रम की तृतीय निशा में धरोहर कार्यक्रम को गायन और कथक ने गुलजार किया
इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये सांस्कृतिक संयोजक गुरु बक्शी विकास ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत हमारी विरासत है जिसे पूर्वजों ने धरोहर के रूप में हमें दिया है। आज की पीढ़ी को मौलिक कलाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से गंगोत्सव के मंच पर धरोहर कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
Gang-Utsav 23 Day 3 Patna, Bihar: कथक व ख्याल गायन ने संगीत धरोहर को किया गुलजार
इस कार्यक्रम में बनारस से पधारी शास्त्रीय गायिका नंदिता पंडित ने राग बागेश्री में तीनताल की बंदिश व एकताल की बंदिश “अपनी गरज पकड़ लीन्ही बाहिया मोरी” राग खमाज में दादरा “डगर बीच कैसे चलूँ मग रोके कन्हैया” प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। वहीं बनारस घराने के सुविख्यात तबला वादक पंडित शिवनंदन प्रसाद श्रीवास्तव ने स्वतंत्र तबला वादन में बनारस के शुद्ध बाज को प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। डुमरांव से आयी कथक नृत्यांगना रितम दुबे ने पारंपरिक कथक व ठुमरी “काहे रोकत डगर प्यारे नंदलाल मोरे”पर भाव प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। गुरु राजा चंद्रवंशी की यशस्वी शिष्याओं में कायना विद्यार्थी व दिशी प्रकाश ने मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया। मंच संचालन श्री संजय वर्मा व धन्यवाद ज्ञापन संयोजक कैप्टन प्रवीण ने किया।