नदियों का महोत्सव बना ऐतिहासिक गंगोत्सव
बिहार की धरती पर ऐतिहासिक हुआ गंगोत्सव व और दर्ज हुआ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 501 महिलाओं द्वारा सांगीतिक गंगा महाआरती। अवधि, हिन्दी, संस्कृत व रशियन समेत चार भाषाओं में 501 महिलाओं द्वारा इस गंगा महाआरती का दिव्य प्रदर्शन अद्भुत रहा। आईडीपीटीएस के द्वारा पटना के कलक्ट्रीएट घाट पर 11 दिवसीय गन्गोत्सव का शुभारंभ 27 अप्रैल को हुआ। पटना की मेयर श्रीमती सीता साहू ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। मुख्य संयोजक कैप्टन प्रवीण कुमार ने गंगोत्सव की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुये कहा कि बिहार में गंगा के संरक्षण व गंगा तट पर पर्यटन को विकसित करने का उद्देश्य गंगोत्सव है।
Gang-Utsav 23: Remarkable event of Festival of Rivers creates record

नदियों का महोत्सव गंगोत्सव कई मायनों में बिहार की एक अलग छवि बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। वहीं नई दिल्ली के संजीव कपूर ने कहा कि गंग ज्योत मैराथन और गंगा महाआरती का वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम होना बिहार के लिये गर्व की बात है। इस आयोजन में गुरु बक्शी विकास के निर्देशन में प्रत्येक संध्या गंगा महाआरती व भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित कार्यक्रम धरोहर ने भी खूब सुर्खिया बटोरी।
सांस्कृतिक गातिविधियो की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुये गंगोत्सव के सांस्कृतिक संयोजक गुरु बक्शी विकास ने कहा कि भारतीय संगीत और गंगा दोनों इस धरा पर अमृत की धारा है। गंगोत्सव के माध्यम से गंगा और संस्कृति के संरक्षण की चेतना लोगों में जागृत होना भी एक अद्भुत संयोग है। वहीं इस आयोजन में गुरु आदित्या श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका ‘गंगा एक संकल्प’ की प्रस्तुति ने दर्शकों को भीतर से झकझोर कर रख दिया और इस नाटिका ने मानव द्वारा नदियों के दोहन जैसे दुष्कर्म को उजागर कर दिया। गंदे नालों, कचड़ों, और रासायनिक पदार्थों से त्राहि त्राहि कर रहीं मां गंगा की कराह तब और पुष्ट हो जाती जब गंगा के द्वारा अपने मोक्ष के लिये पुनः भागीरथ के धरती पर आगमन का प्रश्न अनुगूंजित हो उठता है।
गुरु विकास द्वारा लिखित व संगीत निर्देशन तथा पवन बैंजो के संगीत संयोजन ने इस नाटिका में रंग भरा। भारत की सात पवित्र नदियों के भौगोलिक, पौराणिक और आध्यात्मिक पक्ष पर आधारित नृत्य संरचना ‘सप्त तरंगिणी’ ने युवाओं के हृदय में अपनी लोक माता स्वरूप सप्त नदियां गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु व कावेरी के प्रति सांस्कृतिक चेतना जागृत जागृत किया। इस आयोजन में कई महत्वपूर्ण हस्तियों में महान संत पायलेट बाबा, आनंद स्वरूप महाराज, सुदर्शन न्यूज के चेयरमैन श्री सुरेश चौह्वानके, भदौरिया राजवंश के योगेन्द्र सिंह भदौरिया, तोमर राजवंश के सुरेन्द्र सिंह तोमर, श्री राकेश जैन, श्री कामेश्वर चौपाल, कुलपति प्रोफेसर जगन्नाथ पटनायक, दूरदर्शन के डायरेक्टर डॉ. राजकुमार नाहर ने नदियों के प्रति समर्पण के भाव को केंद्र बिंदु रखते हुये अपने अपने विचार रखें।

मुंबई से पधारे सदाबहार कलाकार श्री संजय वर्मा ने हास्य रस के भाव अभिनय से लोगों को खूब आनंदित किया। ग्यारह दिनों तक लगभग 100 से भी अधिक कलाकारों ने गायन वादन व नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियों से दर्शकों को बांधे रखा। आयोजन को सफल बनाने में संस्था के सह संयोजकों में अमरेश पाण्डेय, सर्वेश राय, सरोज मिश्रा व अंजनी कुमार की अहम भूमिका रहीं। 7 मई को समापन सत्र के अवसर पर मीडिया पार्टनर ‘द स्पोर्स्त ग्रैल’ के श्री संजीव कपूर ने आईईए बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से गंग ज्योत मैराथन और गंगा महाआरती का वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने की औपचारिक घोषणा की। इस सत्र में चेरियेट रेस आकर्षण का केंद्र रहा। कई दशकों बाद बिहार ही नहीं अपितु भारत की धरती पर पहली बार चेरियेट रेस का आयोजन गंगोत्सव में हुआ।

इस समापन सत्र में शिक्षा, चिकित्सा, समाज सेवा, खेल, कला व मीडिया समेत विभिन्न क्षेत्रों के समर्पित व्यतित्व को सम्मानित किया गया। समापन सत्र में गंगा महाआरती की 501 महिलाओं को पदक व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। पूरे ग्यारह दिनों तक गंगा के तट पर साधु संत व कलावंत का समागम अद्भुत रहा। गायन वादन नृत्य की त्रिवेणी से पटना का गंगाघाट प्रयाग हो गया। रशियन कलाकारों ने भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से अद्भुत समां बांधा। श्री हरिशंकर तिवारी की उद्घोषणा में गंगा को पवित्र रखने के संदेश व और आचार्य बाला जी के शांति पाठ के साथ गंगोत्सव’23 संपन्न हुआ।
