Bhavina Patel Biography In Hindi: संघर्ष से भरा रहा है Bhavina Patel का जीवन, 1 साल की उम्र में हुई थी पोलियो की शिकार

Bhavina Patel Biography In Hindi: संघर्ष से भरा रहा है Bhavina Patel का जीवन, 1 साल की उम्र में हुई थी पोलियो की शिकार

भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी Bhavina Patel ने Tokyo Paralympics 2020 में इतिहास कायम कर दिया है, jaaniye uski biography in Hindi

उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की मियाओ झांग को 3-2 से हराकर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया है। बता दें कि Bhavina Patel ने पैरालंपिक के फाइनल में जगह बनाकर इतिहास इसलिए रचा है क्योंकि वो फाइनल का टिकट हासिल करने वाली भारत की पहली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं।

Bhavina Patel ने चीनी प्रतिद्वंद्वी को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11 और 11-8 से करारी मात दी। यह मुकाबला 34 मिनट तक चला। अब रविवार को भाविना पटेल दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से भिड़ेंगी। यह मुकाबला सुबह 7:15 पर शुरू होगा। वैसे आपको बता दें कि Bhavina Patel का जीवन बेहद संघर्ष से भरा रहा है। तो चलिए जानते हैं, Bhavina Patel के संघर्ष की कहानी।

Bhavina Patel Biography In Hindi: एक साल की उम्र में हुईं पोलियो की शिकार

Bhavina Patel का जन्म 6 नवंबर 1986 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर के एक छोटे से गांव में हुआ था। महज 1 साल की उम्र में ही उन्हें पोलियो हो गया था। Bhavina Patel के पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो उनका इलाज करवा सके लेकिन जब Bhavina Patel चौथी कक्षा में गईं तो उनके पिता ने विशाखापट्टनम में सर्जरी जरूर करवाई लेकिन कोई नतीजा नहीं हुआ।

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Bhavina Patel ने रिहैब के समय ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उनकी अवस्था ऐसी ही रह गई। अपनी जिंदगी को बिताने के लिए उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है और गुजरात विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से स्नातक की डिग्री हासिल की है।

ऐसे हुई Table Tennis करियर की शुरुआत

गौरतलब है कि Bhavina Patel ने शौक के लिए टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था लेकिन बाद में उन्होंने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। साल 2014 में उनके पिता उन्हें अहमदाबाद में दृष्टिहीन लोगों के लिए बनाए गए एक संगठन में ले गए, जहां से उन्होंने अपने टेबल टेनिस करियर की शुरूआत की। इस संगठन ने Bhavina Patel की आर्थिक तौर पर मदद की।

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पहला Gold Medal जीतने के बाद मिली पहचान

टेबल टेनिस खेलने के तीन साल के बाद जब बैंगलोर में Bhavina Patel ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता, तब जाकर उन्हें पहचान मिली। उन्होंने साल 2011 में पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप को जीतकर वर्ल्ड रैंकिंग नंबर दो का स्थान हासिल कर लिया। इसके बाद उन्होंने साल 2013 के बिजिंग एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।

वहीं, 2018 के एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जबकि 2019 में बैंकाक में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय एकल गोल्ड मेडल जीता और तब टोक्यो पैरालंपिक में Bhavina Patel इतिहास रच दिया है।

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