Avani Lekhara Biography In Hindi: जानें Avani के बारे में जिन्हें 11 साल की उम्र में लकवा मार गया था

Avani Lekhara Biography In Hindi: जानें Avani के बारे में जिन्हें 11 साल की उम्र में लकवा मार गया था

Tokyo Paralympics में Avani Lekhara ने शूटिंग की महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल SH1 स्पर्धा में को जीतकर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है, jaaniye unki biography in Hindi

स्वर्ण पदक के बाद Avani Lekhara ने ब्रॉन्ज मेडल भी जीता है। Avani Lekhara 19 साल की हैं और उन्होंने बेहद कम उम्र में ही फाइनल में 249.6 का स्कोर हासिल कर स्वर्ण पदक को अपने नाम किया है।

Avani Lekhara Biography In Hindi: शरीर को मार गया था लकवा

बता दें कि फरवरी 2012 में Avani Lekhara का एक एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद उनके कमर के नीचे के शरीर को लकवा मार गया था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मन में दृढ़ संकल्प को रखकर आगे की जीवन यात्रा शुरू की और सफलता हासिल की। Avani Lekhara जयपुर की रहने वाली हैं और उनकी इस जीत से उनके पिता बेहद खुश हैं।

Advertisement

11 साल की उम्र में हुई थी कार दुर्घटना

Avani Lekhara के पिता प्रवीण लेखरा उनकी इस सफलता पर काफी खुश हैं। प्रवीण लेखरा जयपुर में राजकीय सेवा में हैं। उन्होंने यह बताया कि जब Avani Lekhara 11 साल की थीं, तब 20 फरवरी 2012 को उनके साथ एक कार दुर्घटना हुई थी जिसमें उनके रीढ़ की हड्डी को गहरी चोट लगी और उनके कमर के नीचे के शरीर को लकवा मार गया। अब अवनी लखेड़ा व्हीलचेयर के सहारे हैं।

क्या बताया उनके पिता ने ?

प्रवीण लेखरा ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा, “Avani Lekhara के साथ ऐसी दुर्घटना होने से पहले वो काफी एक्टिव थीं और हर गतिविधि में भाग लेती थी लेकिन दुर्घटना के बाद उनकी जिंदगी बदल गई।अपनी हालत को लेकर वो हमेशा गुस्से में रहती थीं। बदलाव के लिए मैं उन्हें जयपुर के जगतपुरा में जेडीए शूटिंग रेंज में ले गया, जहां उसमें शूटिंग में रुचि पैदा हुई।

अभिनव बिंद्रा ने बदली जिंदगी

उनके पिता ने आगे बताया कि उन्होंने Avani Lekhara को शूटर अभिनव बिंद्रा की जीवनी भी पढ़ने के लिए दी और इसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई। Avani Lekhara के मन में ये विचार आया कि वो भी शूटिंग कर सकती हैं और इसके बाद वो हमेशा शूटिंग रेंज में जाने लगीं। हालांकि, शुरुआत में उन्हें व्हीलचेयर को लेकर दिक्कत हुई लेकिन बाद ने सब सामान्य हो गया। बता दें कि शुरुआत में Avani Lekhara के पास बंदूक और शूटिंग किट भी उपलब्ध नहीं थी।

Advertisement

कोच ने किया पूरा सहयोग

उन्होंने आगे कहा कि अवनी के कोच ने पूरा सहयोग किया जिसकी वजह से उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अपनी मेहनत से Avani Lekhara ने शानदार प्रदर्शन और राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक और 2015 में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीता लेकिन ये सिर्फ एक शुरुआत थी और उसने पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता है, जिसकी बहुत उम्मीद थी। Avani Lekhara के गोल्ड मेडल जीतने के बाद चारो तरफ से बधाई के संदेश आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें: F1 Dutch Grand Prix 2021 Schedule, Circuit, Venue, Tickets, Weather, Betting Odds, Predictions And Live Stream

Advertisement

Recommended: Courses in Sports Management