Anshu Malik Biography In Hindi: World Wrestling Championship में Anshu ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी

Anshu Malik Biography In Hindi: World Wrestling Championship में Anshu ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी

पहलवान अंशु मलिक (Anshu Malik) को World Wrestling Championship में अमेरिकी पहलवान हेलेन मारौलिस ने हारकर गोल्ड मेडल पर अपना कब्ज़ा जमा लिए, jaaniye unki biography in Hindi

भारत की इस बेटी ने सिल्वर मेडल जीतकर कमाल कर दिया। अंशु मलिक (Anshu Malik) विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं हैं।

Anshu Malik Biography In Hindi: सोलोमिया विंक को हराकर पहुंचीं थीं फ़ाइनल में

बता दें कि यह मुकाबला नार्वे में खेला गया था जहाँ 20 साल की अंशु मालिक (Anshu Malik) को ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियन हेलेन मरॉलिस के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। अंशु मालिक (Anshu Malik) 57 किलोग्राम भारवर्ग के खिताबी मुकाबले में जूनियर यूरोपीय चैंपियन सोलोमिया विंक को सेमीफाइनल में हराकर फ़ाइनल में पहुंचीं थीं।

चार महिला पहलवान तय कर चुकी हैं फाइनल का सफर

अंशु मलिक (Anshu Malik) भारत की पहली महिला पहलवान हैं जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी। उनसे पहले भारत की चार महिला पहलवानों ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक अपने नाम किया है लेकिन सभी को कांस्य पदक मिला है। साल 2012 में गीता फोगाट और बबीता फोगाट ने, साल 2018 में पूजा ढांडा ने जबकि साल 2019 में विनेश फोगाट ने कांस्य पदक जीता था।

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सुशील कुमार ने जीता है स्वर्ण पदक

बता दें कि अंशु मलिक (Anshu Malik) विश्व चैम्पियनशिप के फ़ाइनल में जगह बनाने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं। अंशु मलिक (Anshu Malik) से पहले साल 2010 में सुशील कुमार जबकि साल 2018 में बजरंग पूनिया ने यह कमाल किया है। इनमें से सिर्फ सुशील कुमार ही स्वर्ण पदक अपने नाम करने में सफल हुए हैं।

सरिता मोर के नाम ब्रॉन्ज मेडल

वहीं, 59 किग्रा भारवर्ग में सरिता ने स्वीडन की सारा योहाना लिंडबर्ग को 8-2 से हराकर विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। सरिता ने अच्छी शुरुआत करते हुए चार अंक अपने खाते में दर्ज करवाए और इसके बाद टेकडाउन के साथ दो और अंक भी अपने नाम कर लिए।

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बता दें कि  सरिता पहले पीरियड के बाद 6-0 से आगे थी और फिर दूसरे पीरियड की शुरुआत में उनकी बढ़त  8-0 की थी। अंत में सरिता ने टेकडाउन से अंक गंवाए लेकिन पर्याप्त बढ़त होने की वजह से वो जीतने में सफल हो गईं।

गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप में सरिता का छठे प्रयास में यह पहला पदक है। इससे पहले वह एक बार अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप और चार बार सीनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रही हैं।

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