Suhas Yathiraj Biography In Hindi: जानिए Noida DM Suhas के संघर्ष की कहानी, अब तक कुल छह स्वर्ण पदक कर चुके हैं हासिल

Suhas Yathiraj Biography In Hindi: जानिए Noida DM Suhas के संघर्ष की कहानी, अब तक कुल छह स्वर्ण पदक कर चुके हैं हासिल

Tokyo Paralympics के आखिरी दिन नोएडा के डीएम Suhas Yathiraj ने शानदार जीत दर्ज करते हुए, भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता, jaaniye unki biography in Hindi

Suhas Yathiraj रविवार को कड़े मुकाबले में फ़्रांस के एल माजुर से 21-15, 17-21, 15-21 से हार गए लेकिन इसके बाद भी उन्होंने सिल्वर मेडल को अपने नाम किया।खास बात यह है कि विकलांग होने के बावजूद भी Suhas Yathiraj ने खुद को कभी कमजोर नहीं समझा और अपनी मेहनत से IAS ऑफिसर बने और फिर टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।

सुहास यथिराज आज देश के करोड़ों युवाओं के सामने एक मिसाल है। तो चलिए जानते हैं, Suhas Yathiraj के जीवन के संघर्ष के बारे में।

Suhas Yathiraj Biography In Hindi: समाज के तानों के बावजूद हासिल की बड़ी उपलब्धि

02 जुलाई 1983 को कर्नाटक के छोटे से शहर शिगोमा में जन्मे Suhas Yathiraj बचपन से ही दाहिने पैर से विकलांग थे। बचपन से ही उनके अंदर खेल के प्रति काफी लगाओ था। बचपन में समाज उनका मजाक उड़ाता था और ताने भी देता था लेकिन Suhas Yathiraj के घरवालों ने उन्हें खेलने से नहीं रोका बल्कि उनकी काफी मदद की।

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Suhas Yathiraj ने अलग-अलग शहरों से अपनी स्कूल की पढ़ाई की है क्योंकि उनके पिता का बार बार ट्रांसफर हो जाता था। इसके बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग की और फिर बाद में वो बैंगलोर की एक कंपनी में नौकरी करने लगे लेकिन सुहास यथिराज को अभी भी कुछ अधूरा लग रहा था। उनके अंदर एक भूख थी।

भूख, समाज के लिए कुछ अच्छा करने की। साल 2005 में जब उनके पिता की मृत्यु हुई तो वो अंदर से काफी टूट गए लेकिन इसके बाद उन्होंने समाज की भलाई के लिए सिविल सर्विस ज्वाइंन कर लिया।

सुहास की उपलब्धियां

Suhas Yathiraj ने UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए दिन रात एक कर दिया और आखिर में साल 2007 में उन्हें सफलता हासिल हुई। साल 2007 में वो यूपी कैडर से IAS अधिकारी बन गए। शुरुआत में उनकी पोस्टिंग आगरा में थी लेकिन इसके बाद उन्होंने जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर में काम किया।

Suhas Yathiraj ने साल 2016 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जरूर था लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नही देखा और कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मेडल अपने नाम किए। Suhas Yathiraj अभी 38 साल के हैं और इनकी गिनती देश के तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी में होती है। केंद्र सरकार ने तो उनके कोरोना मैंनेजमेंट की तारीफ भी की है।

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बता दें कि अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने समय निकाल कर बैडमिंडन खेलना भी शुरू कर दिया था जिसके बाद वो प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलने लगे। नोएडा के अधिकारी अब तक कुल छह स्वर्ण और 2 रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं।

Suhas Yathiraj भारत के इकलौते ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने पैरालिंपिक जैसी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है। वहीं, साल 2016 में उत्तरप्रदेश सरकार ने Suhas Yathiraj को यश भारती अवॉर्ड से सम्मानित किया है।

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