Tokyo Olympic में भारतीय महिला बॉक्सर Lovlina को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है। Jaaniye Lovlina Borgohain ke bare mein
दरअसल, सेमीफाइनल मुकबले में Lovlina Borgohain को तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने करारी मात दी है, जो मौजूदा विश्व चैंपियन हैं।
ओलिंपिक में डेब्यू करने वाली विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता Lovlina Borgohain के खिलाफ तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने शुरुआत से ही अपना दबदबा बनाए रखा था जिसका नतीजा यह हुआ कि बुसेनाज सुरमेनेली ने इस मुकाबले को 5-0 से जीत से जीतकर अपने नाम कर लिया।
Lovlina Borgohain ओलिंपिक में बॉक्सिंग के लिए पदक हासिल करने वाली भारत की तीसरी खिलाड़ी हैं। Lovlina Borgohain से पहले भारत के लिए विजेंदर सिंह और एमसी मैरीकॉम ने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर अपने नाम किया था।
‘मेडल तो बस गोल्ड होता है’
बता दें कि क्वार्टर फाइनल बाउट के बाद Lovlina Borgohain ने कहा था कि ‘मेडल तो बस गोल्ड होता है, पहले उसे हासिल करने दो।’ ओलंपिक में डेब्यू करने वाली Lovlina Borgohain ने अपने सभी मुकाबले बेहद ही सहजता के साथ खेले हैं।
Tokyo Olympics Boxing Semi-Final: सुरमेनेली के खिलाफ दबाव मुक्त होकर खेलीं Lovlina Borgohain
तुर्की की दिग्गज खिलाड़ी सुरमेनेली के खिलाफ Lovlina Borgohain बिना किसी दबाव के खेलने उतरीं थीं। सुरमेनेली की भी उम्र 23 साल की है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक दो स्वर्ण पदक जीते हैं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 पदक जीत चुकी हैं Lovlina Borgohain
बात करें Lovlina Borgohain की तो उन्होंने अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक को अपने नाम किया है। तुर्की की मुक्केबाज सुरमेनेली साल 2019 में चैंपियनशिप की विजेता बनी थी जबकि Lovlina Borgohain ने कांस्य पदक जीता था। हालांकि, यह मुकाबला इन दोनों के बीच नहीं खेला गया था।
Lovlina Borgohain Ke Bare Mein: Lovlina का शुरुआत सफर
असम के गोलाघाट जिले के बड़ा मुखिया गांव की रहने वाली Lovlina Borgohain का जन्म छोटे व्यवसायी टिकेन और गृहिणी ममोनी के घर हुआ था। शुरुआत में Lovlina Borgohain के परिवार को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी उनके पिता ने Lovlina Borgohain के सपनों को पूरा करने में कोई कसार नहीं छोड़ा। Lovlina Borgohain ने पहली बार अपने मुक्केबाजी कौशल का प्रदर्शन भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के ट्रायल में अपने प्राथमिक विद्यालय बारपाथर गर्ल्स हाई स्कूल में किया।
ट्रायल के दौरान उस पर पदुम बोरो (Padum Boro) की नजर पड़ी, जिन्होंने 2012 में उन्हें कोचिंग देना शुरू किया था। बाद में उन्होंने भारत के मुख्य महिला बॉक्सिंग कोच शिव सिंह (Shiv Singh) से सबक लेना शुरू किया।